तीसरा अंक, कहानी-रतलाम मेडिकल काॅलेज की…(गतांक से आगे).3
आंदोलन की शुरुआत..
छात्र संघर्ष समिति में फौरी तौर पर दरबार हाई स्कूल से ही राजनीति कर रहे पुराने छात्र नेता सर्वश्री खुर्शीद अनवर, श्री हिम्मत कोठारी, श्री अमृत अग्रवाल, श्री मुर्तुजा स्टेशन वाला, श्री निर्मल कटारिया, श्री प्रकाश खंडेलवाल सहित छात्र नेताओं को लिया गया। दौलतगंज में जहां आज कटारिया ज्वेलरी की दुकान है ,इस मकान की पहली मंजिल पर किराए से समिति ने ऑफिस चलाया और यही बैठक होती और आंदोलन की रणनीति बनती थी। आंदोलन को सुचारू संचालन हेतु तत्कालीन परिस्थितियों में श्री कोठारी को इसमें अगवानी का मौका दिया गया। उनकी निरंतर राजनीतिक यात्रा के कारण ही मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उनसे स्थाई रूप से जुड़ गया।
28 जून तक छात्र संघर्ष समिति का गठन होकर शांत, अहिंसक आंदोलन शुरू हुआ। 21 जुलाई को ऐतिहासिक रूप से रतलाम बंद रहा। 23 जुलाई को सभी राजनीतिक दल, व्यवसायिक संगठन एवं छात्र प्रतिनिधि मंडल दो तीन बसों और गाड़ियों से भोपाल के लिए रवाना हुए। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री श्री श्यामाचरण शुक्ला, शिक्षा मंत्री श्री जगदीश नारायण अवस्थी, कृषि मंत्री श्री भागवत साबू से आंदोलन के संबंध में मिलकर जानकारी दी। रतलाम लौटकर 25 जुलाई की शाम एक विशाल आमसभा कर वक्ताओं द्वारा सभा में उपस्थित जनता को भोपाल में हुई चर्चा के बारे में विस्तार से बताया गया और कहा कि मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को रतलाम आने का निमंत्रण दिया गया है। इसी के साथ एक घटना चर्चा का विषय बन गई कि जब छात्र प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने समय पर मिलने नहीं बुलाया, तो उनके बाहर जाने के समय श्री कोमल सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री की गाड़ी के सामने खड़े होकर गाड़ी रोक दी। तब पॉलिटिक्स चुनाव चैराहे पर वर्तमान में वीआईपी गेस्ट हाउस मुख्यमंत्री आवास हुआ करता था।
संघर्ष समिति के आंदोलन का वजन इससे आंका जा सकता है कि उस समय मुख्यमंत्री सहित एक साथ 4 मंत्री रतलाम पधारे।
मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व समिति की ओर से एक पर्चा घर घर वितरित किया गया जिसके अवलोकन से उस समय की आंदोलन की परिस्थितियों की विस्तृत रूप से जानकारी स्वतः मिलती है। मेरी रतलाम विकास में बाल्यावस्था से ही रूचि रही होने से हैंडबिल की मूल प्रति मेरे संकलन में सुरक्षित है।
छात्र संघर्ष समिति, रतलाम
नागरिक बन्धुओं एवं छात्र साथियों !
रतलाम छात्र संघर्ष समिति ने नगर की शैक्षणिक, औद्योगिक एवं रोजगार की समस्याओं को लेकर नगर के विकास हेतु गत २८ जून से एक शान्त, अहिंसक एवं अनुशासिक आन्दोलन चला रखा है । यह छात्रों का ही नहीं अपितु जन आन्दोलन है, २१ जुलाई को श्रतलाम बन्दश् पर सभी नागरिकों एवं प्रशासन ने इसका अनुभव किया है । २३ जुलाई को रतलाम के सभी दल व्यवसायिक संगठन एवं छात्र प्रतिनिधियों का प्रतिनिधि मण्डल माननीय मुख्य मंत्री, शिक्षा मंत्री एवं कृषि मंत्री से मिला जो कुछ भोपाल में कर सकते थे वह छात्र नेताओं ने २५ जुलाई की आम सभा में विस्तार पूर्वक जनता के समक्ष रख दिया। मुख्य मन्त्री ने स्वयं रतलाम आकर यहां की समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन प्रतिनिधि मण्डल को दिया मुख्य मंत्रीजी के साथ शिक्षा मंत्री, कृषी मंत्री एवं सूचना प्रकाशन मंत्र भी रतलाम आ रहे है ।
किन्तु नगर का अहित चाहने वाले चन्द स्वार्थी तत्व नगर की फिजा एवं शान्त वातावरण को बिगाड़ने का तथा मुख्य मंत्री व अन्य मंत्रियों के रतलाम आगमन में बाधा उपस्थित करने का भरसक प्रयास कर रहे है, जिला प्रशासन इन भड़काने वाली कार्यवाहियों को मौन दर्शक की भांति देख रहा है। ये स्वार्थी तत्व पुलिस के साये में पनप रहे है। छात्रों द्वारा चलाये गये जन आन्दोलन को बदनाम करने, छात्रों को भड़काने तथा छात्रों के इस आन्दोलन में सहयोग देने वालों के प्रति दुर्भावना फैलाने तथा झगड़ा फिसाद कराने को हर सम्भव प्रयास कर रहे है ।
जो निजी स्वार्थ लिप्सा में व्यस्त है और जनता से तथा उसकी समस्याओं से दूर रहकर स्वम्भू नेता बने बैठ है वे जन आन्दोलन तथा नगर का विकास क्यों कर पसन्द करेंगे । ये तत्व नगर की एकता तथा भलाई में विश्वास नहीं रखते अतः हम सभी नागरिकों, छात्रों एवं श्रमिक भाइयों से निवेदन करते है कि वे षड़यन्त्रकारियों के जाल में तथा भड़काने वाली कार्यवाहियों में न फंसे और कहीं भी इन तत्वों को मौका न दें ताकि नगर की फिजा एवं इस जन आन्दोलन में बिखराब हो । रतलाम की जनता इनके काले चहरों को पहचाने ।
हम जिला प्रशासन को भी चेतावनी देते है कि नगर के शान्त वातावरण को बिगाड़ने वाले तथा छात्रों को भडकाने वाली कार्यवाही करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करे । मुख्य मंत्री एवं अन्य मंत्रियों के आगमन में रूकावट पैदा करने वालों तत्वों को पनाह न दे अन्यथा हमें मजबूर होकर इन तत्वों के विरूद्ध सीधी कार्यवाही करना पडेगी ।
छात्र संघर्ष समिति नागरिकों, छात्रों एवं श्रमिक भाईयों से अपील करती है कि नगर के विकास हेतु कटिबद्ध होकर संघर्ष रत रहे, हम अपनी एकता और संघर्ष से ही सफलता प्राप्त करेगे। अभी रतलाम के विकास, समस्याओं के निराकरण तथा औद्योगिक एवं शैक्षणिक विकास हेतु लम्बा संघर्ष चलाना है, जिसमें सभी की एकता एवं सहयोग अपेक्षित है।
जन एकता
जिन्दाबाद जिन्दाबाद
छात्र एकता
छोड़ों निद्रा, छोडो भोग, दे दो शिक्षा और उद्योंग
श्याम प्रिन्टर्स, रतलाम.
छात्र संघर्ष समिति, रतलाम.