दूसरा अंक, कहानी रतलाम मेडिकल काॅलेज की…(गतांक से आगे). (2)
रतलाम मे जितने भी नेता हए उनमे श्री रामेश्वर जी अग्रवाल एक विकासवादी सोच के अध्ययन शील और समाजवादी विचारधारा के अग्रणी नेता रहे। उनका लेखन ओर उद्बोधन से उनके चिंतन की झलक मिलती थी। यह अलग बात है कि किन्ही कारणो से वे राजनीति मे अधिक सफल नही हो पाए।
रतलाम मे मेडिकल काॅलेज खोलने का प्रांरभिक विचार उन्ही की देन था और उन्होंने ही यह मुद्दा उछाला था। श्री रामेश्वर अग्रवाल की अध्यक्षता मे छात्र आंदोलन की पहली आमसभा होना यह सिद्ध करता है उनकी रणनीति से छात्र संघ समिति का गठन भी हुआ।
छात्र आंदोलन की पहली आमसभा जो 1969 या 1970 मे मई माह के किसी दिन की नईदुनिया समाचार पत्र की श्री प्रकाश उपाध्याय द्वारा लिखित पेपर कटिगं मेरे पहले संदर्भ के रूप मे सुरक्षित है, जिसमें छात्र आन्दोलन की प्रारंभिक कहानी की स्वतः जानकारी मिलती हैः
मेडिकल काॅलेज के लिए जोर लगाने की घोषणा
रतलाम(डाक से) ‘‘जोर लगाने का हो, जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री ने विगत दिनों इंगित किया है? प्रश्न ै तो ईट से ईट बजा देगें पर मेडिकल काॅलेज ले कर ही रहेंगे’’ यह दृढ़ संकल्प उन समस्त छात्र नेताओं (वैसे सभी छात्रों) का है जो गत रात्रि को स्थानीय चैमुखीपुल पर हुई विराट जनसभा में वक्ता थे। युवा नेता रामेश्वर अग्रवाल की अध्यक्षता में छात्र आंदोलन की शुरूआत स्वरूप एक छात्र सभा हुई थी।
श्री अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह हमारा सौभाग्य है कि यहां के विधायक डा. देवीसिंह को राज्य मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री का महत्वपूर्ण पद मिला है। वे रतलाम की जनता से चुनाव के समय किये गये वादे को अधिक आसानी से पूर्ण कर सकते है। खेद है कि उन्होंने अब तक न तो शैक्षणिक समस्याओं के हल की तरफ व न ही औद्योगिक विकास की तरफ कोई ध्यान दिया, वरन् करने के नाम पर सरवन के कृषि फार्म को उन्होंने अपने बुढ़ापे के दिनों के लिये ठीक करवा लिया है। जिसमें जोर होगा वो काॅलेज ले जावेगा। रतलाम का छात्र जगत किसी का मोहताज नहीं है, वह अपना हक हथियाना जानता है।
सभा में छा़त्रनेता सर्वश्री उमाशंकर जोशी, निर्मल शर्मा और हिम्मत कोठारी के भाषण भी हुए और उज्जैन के मुकाबले रतलाम के पक्ष में तर्क रखे। डाॅ. देवीसिंह का बार-बार कोसा गया और मेडिकल काॅलेज के लिये जोर लगाने का संकल्प दुहराया। इसके अलावा, प्रकाश खंडेलवाल, श्रेणिक पारेख, गणपतिशंकर पांचाल, मुर्तजा स्टेशनवाला आदि कई नेताओं के भाषण हुए। कोई 3-4 हजार लोग इस सभा को सुनने एकत्रित हुए थे। नगर में पोस्टर आंदोलन शूरू किया जा रहा है व तमाम राजनैतिक दलों ने पूर्ण समर्थन का जोरदार आश्वासन दिया है।
जिस व्यक्ति ने रतलाम वासियों को मेडिकल कॉलेज का स्वप्न दिखाया ऐसे श्री रामेश्वर अग्रवाल की स्मृति को चिरस्थाई रखने के लिये मेडिकल काॅलेज के किसी भी सभा कक्ष, मुख्य द्वार या भवन के किसी भाग को उनके नामकरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजली होगी।