’कहानी(27)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांक से आगे).......
’कहानी(27)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांक से आगे)....... ’
मुख्यमंत्री श्री गौड़ ने रतलाम के पहले दौरे मे ही पल्ला झाड़ा:-
1 मई 2005 के दिन रतलाम शहर में चैतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा संस्थापित अहिंसा ग्राम के 11 प्रारंभिक हितग्राहियों को भवनो की चाबी वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित था। इसके मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी थे। इस निजी कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौड़ विशेष रूप से उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर उपस्थित नेताओं में स्थानीय विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री हिम्मत कोठारी ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया कि आदिवासी अंचल का जिला रतलाम अनेक समस्याओं से संघर्ष कर रहा है। चिकित्सा महाविद्यालय की बात को भी आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपने भाषण में उल्लेख किया कि हाल ही में यह समाचार प्रकाशित हुआ था जिसमें संभाग स्तर पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव शासन के समक्ष है। । इस समाचार का आधार बनाते हुए श्री हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष उज्जैन संभाग का हिस्से में आने वाला मेडिकल कॉलेज रतलाम में खोलने को लेकर अपनी बात रखी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में श्री हिम्मत कोठारी द्वारा उठाई गई मेडिकल कॉलेज की बात पर मात्र इतना ही कहा कि ‘‘इस संबंध में प्रयास करेंगे। वे घोषणाओं में विश्वास नहीं करते, क्रियान्वयन में विश्वास करते हैं।’’ मुख्यमंत्री के इस प्रकार के रूखे उत्तर से लोगों को बड़ी निराशा हाथ लगी। ऐसा लगने लगा कि रतलामवासी मेडिकल काॅलेज की लड़ाई, बिना किसी उचित दावे या पात्रता क,े सिर्फ भावनावश कर रहंे है।
स्वदेश मे शरद जोशी ने किया उपहास:-
3 मई 2005 के दैनिक स्वदेश के अंक में “ प्रशासन तले हलचल “ नियमित स्तंभ में वरिष्ठ पत्रकार श्री शरद जोशी ने इस पर लंबी टिप्पणी करी। अपने लेख मे आपने पिछले समय से रतलाम में मेडिकल कॉलेज के किया जा रहे प्रयासों पर अपनी समीक्षा लिखते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज का सपना-रतलाम के लिए इस प्रकार का सपना है-जैसा की अनेक पूर्वाधिकारी- रतलाम के लोगों को विकास का सपना दिखाते रहे हैं। करोड़ों की लागत मेडिकल कॉलेज की स्थापना में लगती है और करोड़ों रुपए की मासिक और वार्षिक बजट इसके लिए चाहिए। उन्होंने रतलाम की शैक्षणिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी क्षेत्र मे कार्य कर रही संस्थाओं द्वारा इस क्षेत्र में दी जा रही बदतर सेवाओं तथा दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया। स्तम्भ के लेख में रतलाम की निराशजनक औद्योगिक स्थिति पर भी चित्रण किया गया।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में लिखा कि केवल भवन बनने से या एक बार कॉलेज स्थापित होने से नहीं चल सकता। कुछ समाजसेवी कमरे में बैठकर इस योजना को मूर्त रूप देना चाहते हैं। आगे यह भी लिखा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना कौन नहीं चाहता। लेकिन हमारे शहर की जो मानसिकता है ,लोगों के समक्ष आर्थिक संकट है, व्यापार व्यवसाय नहीं के बराबर है। पहले उनको सुधारना होगा। तब कहीं जाकर हम किसी सपने को साकार करने की बात सोच सकते हैं। रतलाम में जमीन की खरीद फरोख्त का व्यवसाय फलीभूत हो रहा है। यदि इस व्यवसाय से जुड़े लोग मेडिकल कॉलेज सपने को पूरा करने का संकल्प लेते हैं तो स्वागत योग्य कदम होगा। आपने अन्य शहरों में निजी क्षेत्र द्वारा जनहित के कार्यों का उल्लेख उदाहरण स्वरूप दिए।
दिप्ती गौड़ मुखर्जी ने समिति का गठन किया:-
मेडिकल कॉलेज की गाड़ी में अब एक नया टायर जुड़ रहा है। नवागत कलेक्टर श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने इस मसले को जिंदा रखा और उस पर आगे कार्रवाई करने का मानस बनाया। इस कड़ी में उनके द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने के संबंध में परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने हेतु दिनांक 1 जून 2005 को एक पत्र जारी कर डॉ.बी.एल. तापड़िया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया तथा 10 दिवस की अवधि में परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश प्रसारित किया।
कलेक्टर ने अपने उक्त पत्र के में इस परियोजना प्रतिवेदन में एक समिति नुमा 5 सहयोगियों की नियुक्ति कर उसमे 1)अपर कलेक्टर 2)जिला स्वास्थ्य प्रभारी अधिकारी 3)मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 4)सिविल सर्जन कर मुख्य अस्पताल अधीक्षक तथा 5)रेड क्रॉस उपाध्यक्ष (अनिल झालानी) को इस कार्य में सहयोग करने हेतु नियुक्त किया।
हिम्मत कोठारी के मंत्री बनने से खुशी का माहौल- उम्मीद जगी
रतलाम में मेडिकल कॉलेज की चर्चाओं को लेकर कितनी जिज्ञासा थी और यह किस प्रकार से जन चर्चा का विषय था इसका प्रमाण 2 जून 2005 को प्रकाशित एक समाचार पत्र के समाचार के शीर्षक “ मेडिकल कालेज खुलना चाहिये “ से सिद्ध होता है ।
1 जून 2005 के दिन रतलाम के लिए सौभाग्यशाली रहा जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौड ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए, रतलाम के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व लोक निर्माण मंत्री श्री हिम्मत कोठारी को पुनः अपने मंत्री मंडल में शामिल किया ।
इस बार श्री गौड़ ने हिम्मत कोठारी को वन एवं सहकारिता विभाग की जवाबदारी दी।श्री हिम्मत कोठारी 11 वर्ष बाद पुनः मंत्री बने, जिससे शहर में हर्ष की लहर दौड़ गई और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में तो उत्साह जागृत हुआ ही, आमजन ने भी रतलाम शहर के विकास की एक उम्मीद जगी।
उस दिन जब टेलीविजन पर भोपाल से शपथ ग्रहण समारोह का सजीव प्रसारण हो रहा था, रतलाम में उनके परिजन से पत्रकारों ने संपर्क स्थापित किया और उनकी प्रतिक्रिया जानना चाही,तो पहला शब्द उनका मेडिकल कॉलेज को लेकर ही निकला।
भोपाल से मुख्यमंत्री सचिवालय से श्री हिम्मत कोठारी को मंत्री परिषद में शामिल करने हेतु शपथ लेने के लिये भोपाल आने के आमंत्रण का संदेश मिलते ही सपत्नीक व साथियों सहित भोपाल पहुंचे। पत्रकारों ने श्री कोठारी की व्यस्तता के चलते श्रीमती पुखराज कोठारी से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने भोपाल से दूरभाष पर हुई चर्चा पर कहा कि अब रतलाम की विकास में और ज्यादा गति आएगी। शहर में मेडिकल कॉलेज खुलने के कार्य को गति तेज हो जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त के मेडिकल कॉलेज 3 वर्ष के भीतर खुल जाएगा।
इस प्रकार की मिलती-जुलती प्रतिक्रियाएं श्री कोठारी के पुत्र विकास कोठारी व उनकी दोनों बहू श्रीमती साधना व श्रीमती सोनम कोठारी की भी थी, जिन्होंने रतलाम में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अन्य विकास कार्य भी तेजी से होने की आशा और उम्मीद जताई।
क्रमशः...........
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