’कहानी(26)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांक से आगे)....... ’
2 अप्रैल 2005 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम राजेश मिश्रा रतलाम में तूफानी दौरा हुआ शिक्षा के क्षेत्र में नई सौगात देने को बड़े उत्साहि दिखे। रतलाम पथारने पर उन्होंने पत्रकारों से वार्ता भी करी और रतलाम में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं महाविद्यालय की सुविधाओं आदि से संबंधित विश्वविद्यालय स्तर पर होने वाले प्रयासों की जानकारी साझा करी।
मेडिकल कॉलेज खोलने के संदर्भ में विश्वविद्यालय के प्रयासों के ठंडे विषय में चले जाने के प्रश्न पर डॉ मिश्रा ने खंडन कर कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और वह प्रक्रिया में है । आपने मेडिकल कॉलेज के नामांकरण के बाद विवाद की स्थिति बनने की जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि नामकरण के ऊपर कोई विवाद उनके अनुसार नहीं होना चाहिए और यदि कोई अपना मत इस संबंध मे देता भी है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
डॉक्टर राम राजेश मिश्रा के अनुसार मेडिकल कॉलेज खोलने की उम्मीद कायम है ।
कलेक्टर श्रीमती दिप्ती गौड मुखर्जी को डॉ राम राजेश मिश्रा की आने की जानकारी मिलने पर दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में बैठक करी। बैठक का निष्कर्ष यह निकल कर आया कि रतलाम में नर्सिंग कॉलेज इस सत्र में प्रारंभ करने की संभावना बनी हुई है। जो कि कला एवं विज्ञान महाविद्यालय परिसर में आवश्यकता होने पर प्रारंभ किया जा सकेगा।
23 अप्रैल 2005 को भोपाल में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर एक क्षेत्रीय कार्यालय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसके मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ बलराम जाखड़ थे। इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करी की प्रदेश के सभी संभागों में एक-एक मेडिकल कॉलेज खोला जावेगा। जिसका या आशय निकला जा सकता था कि ऐसे प्रदेश के ऐसे संभाग जिसमे अभी तक कोई मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पाया है, उन संभागों में एक-एक मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई जावेगी। रतलाम उन शहरों में शामिल था जहां पर मध्य प्रदेश में एकमात्र सा शहर था जहां मेडिकल कॉलेज के लिए निरंतर आवाज उठाई जाती रही तथा उसके लिए आंदोलन भी हुए।
अतः जब इस प्रकार की घोषणा के समाचार रतलाम तक पहुंचे तो रतलाम के लोगों नें नए सिरे से कमर कसना शुरू किया और संभागीय स्तर पर खुलने वाले इस मेडिकल कॉलेज को जहां से आंदोलन शुरू होने पर खोलने की मांग उठी थी वही पैमाना चलते-चलते इस मुकाम पर पहुंचा। अब रतलाम वासियों को वर्षो पुरानी वह मांग याद करते-करते रतलाम के लोगों ने इस कॉलेज को रतलाम में खोलने के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने का एक बार फिर से प्रयास प्रारंभ किया।
क्रमशः...........
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