आतंकवाद पर सृजन भारत के स्ट्रेटेजिक सुझाव पर भारत-फ्रांस साथ आए।
सृजन भारत के अनिल झालानी द्वारा दिए गए सुझावों पर सम्बन्धों को अधिक प्रगाढ करने की दिशा में आगे बढे भारत और फ्रांस।
श्री झालानी ने दोनो राष्ट्रों की समान समस्या पर साझा रणनीति बनाने का दिया था सुझाव।
भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय और रणनीतिक सम्बन्ध नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं और फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया | भारत फ्रांस के प्रगाढ द्विपक्षीय और रणनीतिक सम्बन्धों को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए सृजन भारत के अनिल झालानी ने भी अपनी भूमिका निभाई है। श्री झालानी द्वारा तीन वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए कूटनीतिक सुझावों पर सरकार आगे बढती नजर आ रही है।
पिछले कुछ वर्षों में फ्रांस को मुस्लिम आतंकवाद के कई हमले झेलने पडे़ हैं और कट्टर इस्लामिक आतंकवाद के चलते फ्रांस में कई बार दंगे भी भड़कते रहे है,जिसमें कई निर्दोष फ्रांसिसी नागरिकों को अपनी जान और माल का नुकसान उठाना पडा है। ठीक यही हालत भारत की भी है। दोनों ही देश मुस्लिम आतंकवाद से पीड़ित होते दिखते है, तथा दोनों देशों की धर्मिक आबादी अनुपात में लगभग समानता हो रही है।
इन्ही परिस्थितियों को देखते हुए सृजन भारत के अनिल झालानी ने तीन वर्ष पूर्व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,विदेश मंत्री एस जयशंकर,भारत में फ्रांस के राजदूत और फ्रांस में नियुक्त भारत के राजदूतों को पत्र लिखकर भारत और फ्रांस की उस समय होने वाली द्विपक्षीय टास्क चर्चा में भारत की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के बिंदु दिए थे।
उल्लेखनीय है कि इस बीते वर्ष जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फ्रांस ने अपने राष्ट्रीय आयोजन बास्टील डे के कार्यक्रम में अतिथि के रुप में अमंत्रित करना इसकी परिणती थी।
विगत 14 जून 2021 को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में श्री झालानी ने सुझाव दिया था कि फ्रांस द्वारा आतंकवाद को रोकने के लिए उठाए गए सभी कदमों का पुरजोर समर्थन करते हुए फ्रांस के साथ खडे़ रहने का संदेश दिया जाना चाहिए।
अपने पत्र में श्री झालानी ने यह भी मंतव्य व्यक्त किया था कि इस्लामिक आतंकवाद से प्रभावित सभी राष्ट्रों को एकजुट करते हुए उन सभी राष्ट्रों को सहमत करते हुए विश्व के सभी धर्मो के धार्मिक ग्रंथों में से एक दूसरे के धर्म के प्रति विद्वेष, घृणा, प्रतिशोध या नफरत वाली सामग्री को विलोपित करने का अभियान प्रारंभ किया जाए,जिसकी वजह से पूरे विश्व में अशान्ति और हिंसा का माहौल बना हुआ है। इसके लिए फ्रांस को इसलिए सहमत किया जाए,क्योकि कई सदियों तक विश्व के बहुत बडे़ भाग पर फ्रांस का औपनिवेशिक प्रभुत्व रहा है। फ्रांस संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्यों में भी है।
श्री झालानी ने अपने पत्र में फ्रांस में हिंसक घटनाओं पर टर्की और पाकिस्तान द्वारा फ्रांस के उठाए गए कदमों के बाद वहां की आम जनता द्वारा दी गई प्रतिक्रिया को स्थाई नीति में शामिल किया जाए, क्योंकि इससे इस्लामिक आतंकवाद समर्थकों का भविष्य में संभावित एकजुटता को दूरदर्शी खतरा मानते हुए, इसे सतही तौर पर लेकर नजरअंदाज ना किया जाए।
इस्लामी आतंकवाद का सबसे ज्यादा खामियाजा भारत को और भारत के हिन्दुओं को झेलना पडता है। जैसा कि अब शांति प्रिय और उदार फ्रांस को झेलना पड़ रहा है। ऐसे में यदि इस बडी हिन्दू आबादी में से कोई छिटपुट प्रतिक्रिया थोड़े से कट्टर हिन्दूवादियों द्वारा दी जाती है,तो उनकी मनोवैज्ञानिक स्वाभाविकता को विश्व समुदाय को समझने की आवश्यकता है। ऐसी किसी प्रतिक्रिया के कारण संपूर्ण भारत राष्ट्र की आलोचना नहीं होनी चाहिए।
श्री झालानी ने अपने इस सुझाव को विस्तारित करते हुए लिखा था कि भारत की इस आंतरिक परिस्थिति को फ्रांस समझें और भविष्य में भारत और फ्रांस में इस्लामी आतंकवाद के विरुद्ध प्रतिक्रियास्वरुप घटने वाली किसी घटना पर दोनो ही राष्ट्र किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक दूसरे के विरुद्ध कोई विपरित प्रतिक्रया व्यक्त नहीं करें। श्री झालानी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि भारत सरकार इन विषयों को बेबाकी और स्पष्टता के साथ फ्रांस सरकार से साझा करें, जिससे कि भविष्य में दोनो ही राष्ट्र अपने अपने राष्ट्र की शांति एवं प्रगति में बाधक बन रहे (इस्लामिक) आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट सके।
गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैनुएल मेंक्रो को आमंत्रित करने को अनिल झालानी ने अपने ‘स्वान्तः सुखाय’ अभियान के अंतर्गत अपने द्वारा दिए गए कूटनीतिक सुझाव की कड़ी में भारत सरकार द्वारा उठाए गए स्ट्रैटेजिक कदम पर हर्ष व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि फ्रांस भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।