’कहानी(24)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांग से आगे)....... ’
दिनांक 11 .01.2024
’कहानी(24)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांक से आगे)....... ’
गत अंक में हमने पढ़ा था की विक्रम विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में रतलाम का प्रस्तावित मेडिकल काॅलेज स्थापना करने का निर्णय लेते हुए बैठक में ही उसका नामकरण ‘‘टीपू बाई चोरडिया’’ के नाम पर रखने का प्रस्ताव पारित कर दिया था।
इसकी खबर रतलाम वासियों तक पहुंचने के पश्चात शहर में एकदम सन्नाटा छा गया और मेडिकल कॉलेज की जितनी भी चर्चाएं चल रही थी, प्रायः लगभग अब समाप्त हो चुकी थी। और इस संबंध में यह लगभग तय माना जा रहा था कि इस स्थिति मे काॅलेज स्थापित करने का जो फॉर्मेट तैयार किया गया था उस पर अब मेडिकल कॉलेज बनना संभव नहीं होगा। और लगभग हुआ भी वैसा ही......!
आई.एम.ए.के कार्यक्रम मे कलेक्टरः-
वर्ष 2005 प्रारंभ हो चुका है और जनवरी अन्तिम सप्ताह में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व रतलाम ऑब्सट्रेक्टिक एवं गायनोलॉजिकल समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक बैठक आयोजित थी, जिसमें अतिथि के रूप में कलेक्टर श्री जी. के. श्रीवास्तव को बुलाकर के उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम के उद्बोधन के दौरान श्री जी के श्रीवास्तव ने कहा कि रतलाम में मेडिकल कॉलेज स्थापना की त्वरित कार्रवाई की जा रही है। कार्यक्रम में डॉक्टर पदम घाटे, डॉक्टर लीला जोशी, डॉक्टर बी एल तापड़िया, डॉक्टर जयंत सूबेदार, डॉक्टर डोली मेहरा, डॉ दीनदयाल काकानी सहित बहुत से चिकित्सकगण उपस्थित थे।
कलेक्टर का स्थानान्तरणः-
जैसे की संभावना व्यक्त की जा रही थी, फरवरी 2005 आते-आते श्री जी.के.श्रीवास्तव की पदोन्नति होने के फल स्वरुप उनका रतलाम से ग्वालियर राजस्व मंडल के सदस्य के रूप में राज्य शासन द्वारा स्थानांतरण कर दिया गया। उन दिनों लेखक(अनिल झालानी) दैनिक जागरण ब्यूरो चीफ थे। श्री श्रीवास्तव के साथ मेडिकल कालेज आदि योजनाओं पर साथ में कार्य करने की अपनी लंबी निकटता के कारण से उनकी विदाई दैनिक जागरण के द्वारा ‘‘रतलाम जिला-विकास की संभावनाओ’’ विषय पर परिसंवाद के रूप मे सजनप्रभा मे 7 फरवरी 2005 को एक गोष्ठी का आयोजन कर किया गया।
संयोगवश नवागत कलेक्टर श्रीमती दिप्ती गौड़ मुखर्जी पद ग्रहण करने हेतु पदस्थापना की आदेश मिलते ही तीव्रता से चार्ज गृहण करने रतलाम पधारे गई। यह जानकारी मिलने पर इस बिदाई समारोह सह पारि संवाद में उन्हें भी आमंत्रित कर लिया गया और वे सहजभाव से पधार गई।
बिदाई समारोहः- “रतलाम जिला-विकास की संभावनाएं’’ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ पवन शर्मा, महापौर श्रीमती आशा मौर्य, सहित नगर के बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, पत्रकार, उद्योगपति, शिक्षाविद, एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व अधिकारी ग्रहण उपस्थित थे। जिन्होंने भी विकास पर आधारित इस सहयोग गोष्ठी में अपने सारगर्भित विचार रखें।
स्वागत भाषण देते हुए अनिल झालानी ने बताया की मेडिकल कॉलेज की स्थापना के प्रयासों को गति देती रहनी है। श्रीवास्तव के कार्यकाल में जिले में कृषि उत्पादन, जैविक खेती, चिकित्सा, स्वास्थ्य, शिक्षा ग्रामीण विकास की जो योजना तैयार की गई उन पर तीव्रता से कार्य भी हुए जिसके दूरगामी परिणाम हमें देखने को मिलेंगे। आवश्यकता इस बात की है की योजनाओं को निरंतर गति प्रदान करें।
श्रीवास्तव ने अपने स्वागत के उत्तर में बताया कि रतलाम में मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे गए हैं। आपने यह भी कहा कि रतलाम जिले के कृषकों की हिम्मत एवं उनकी मेहनत को सलाम किया जाना चाहिये और कहा कि जिले की 80%जनता ग्रामीण है, लेकिन उसके विकास के बारे में शायद अबतक किसी ने नहीं सोचा। अपने प्रयासों से यहां के कृषकों ने एैसे-एैसे कार्य किये जो बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी नहीं कर सके। उन्होंने कहा की जन भागीदारी से ही रतलाम की तस्वीर बदलना संभव है।
पूर्व विधायक श्री शिव कुमार झालानी द्वारा श्रीवास्तव जी की विदाई के अवसर पर अभिनंदन किया गया। बैठक में चिंतक श्री बृजमोहन झालानी, वरिष्ठ समाजसेवी वरिष्ठ बेरिस्टर अब्बासी नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री विष्णु त्रिपाठी समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रकाश उपाध्याय, श्री शरद जोशी, अभिभाषक श्री गोवर्धन लाल गुप्ता समाजसेवी श्री बालकृष्ण माहेश्वरी, श्री विजेन्द्र गादिया, पत्रकार श्री अरुण त्रिपाठी, श्री शब्बीर डॉसन आदि ने अपने विचार रखें।
युवाओं का सपनाः-
19 फरवरी 2005 को नवभारत के अंक में गुड मॉर्निंग रतलाम शीर्षक से प्रसारित हो रही श्रृंखला (काॅलम)में कला एवं विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सचिव चिराग सोमानी ने रतलाम में मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज की आवश्यकता बताते हुए इसकी सौगात दिलाने की मांग की। यदि रतलाम में उच्च शिक्षण केंद्र खुले तो रतलाम के बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
क्रमशः...........
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