’कहानी(19)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांक से आगे).......
अभी पिछले अंक में हमने बताया था कि कलेक्टर की विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम राजेश मिश्रा से लंबी चर्चा के बाद वे रतलाम पहुंचे और मेडिकल कॉलेज के संबंध में विश्वविद्यालय स्तर पर कॉलेज संचालित करने संबंधी सहमति बनी। बैठक में लिया गया निर्णय लिया गया था कि विक्रम विश्वविद्यालय आगामी दिनों में मेडिकल कॉलेज की तैयारी और आगे की कारवाई करने के संबंध में एक दल रतलाम आएगा।
उस अनुसार रविवार 3 अक्टूबर 2004 के दिन विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन की एक तीन सदस्यीय टीम रतलाम आई। विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्त टीम के प्रभारी पी.वशिष्ठ के नेतृत्व में श्री नागेश्वर राव, श्री संजय घोष थे। टीम कलेक्टर के साथ सुबह 11ः00 बजे जिला चिकित्सालय पहुंची। टीम ने कॉलेज के लिए आवश्यक 470 बिस्तर की उपलब्धता, ओपीडी की रिपोर्ट, एवं जिला चिकित्सालय में मौजूद विविध सुविधाओं की सिलसिलेवार जानकारी ली।
यूनिवर्सिटी का दल के सदस्य कॉलेज स्थापना हेतु चिन्हीत हो चुकी भूमि जहां पर वर्तमान में सैलाना रोड पर कॉलेज निर्मित होकर खड़ा है वह स्थल देखने भी गए।
बाद में टीम के सदस्यों ने नगर विधायक श्री हिम्मत कोठारी, ग्रामीण विधायक श्री धूल जी चैधरी कलेक्टर श्री श्रीवास्तव समाजसेवी अनिल झालानी, शब्बीर डासन महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री विशाल नाडकर्णी ,डॉक्टर बी. एल. तापड़िया, कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर टी. आर. अम्ब, श्री हरजीत चावला, श्री रवि डफरिया, श्री विम्पी छाबड़ा आदि से कलेक्ट्रेट सभाग्रह में लगभग एक घंटा चर्चा की।
उसके बाद अपनी जानकारी एकत्र कर आगामी कार्यवाही करने की तैयारियों के आश्वासन के साथ वापस उज्जैन लौट गया।
पूर्व में यह उल्लेख किया जा चुका है कि विक्रम विश्विद्यालय के लिए यह एक नया और प्रयोगनीय प्रकल्प था।
बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई उसके अनुसार हम लोग रतलाम स्तर पर जो तैयारी करने की बिंदु तय हुए थे उसकी तैयारी हमने जुटाना शुरू हुई और विश्वविद्यालय ने अपनी ओर से जानकारियां एकत्र करना की सूची बनाकर व लेकर गए।
5 अक्टूबर के दिन दैनिक भास्कर ने एक विस्तृत रिपोर्ट छापी “जिले को मिल सकती है मेडिकल कॉलेज की सौगात जिसमें वर्ष 1997 से किया जा रहे प्रयासों की अब तक की समस्त प्रगतिवार विवरण विस्तार से उल्लेख किया।
दैनिक भास्कर के ही दिनांक 6 अक्टूबर 2004 के अंक में अपने नियमित स्तंभ पोस्टमार्टम में पत्रकार श्री नीरज शुक्ला ने मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहियों को "मुंगेरीलाल के हसीन सपने "शीर्षक से इस बात पर आशंका व्यक्त की रोगी कल्याण समिति के भरोसे मेडिकल कॉलेज के संचालन की बात कहीं मुंगेरीलाल का हसीन सपना ही न साबित हो!
क्रमशः...........
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