’कहानी(18)-रतलाम मेडिकल काॅलेज की...........(गतांग से आगे)....... ’
जब मेडिकल कालेज खोलने के लिये विविध विकल्पों पर विचार किया जा रहा था उस समय मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के नियमों के अध्ययन करने पर जब किसी भी विश्वविद्यालय से सम्बद्धता की बात निकल कर आई,तब कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने अपने क्षेत्र के विक्रम विश्वविद्यालय के संबंध मे जानकारी एकत्र करना प्रारंभ किया। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973व विक्रम विश्वविद्यालय की नियमावली व गठन की वैधानिक स्थति देखी।
यह भी अध्ययन किया कि प्रदेश मे वर्तमान मे कहां-कहां व कितने मेडिकल कालेज है तथा वे किसके अन्तर्गत सूचि बद्ध,सम्बद्ध व मान्यता प्राप्त है।
मेडिकल कालेज को लेकर कलेक्टर और कुलपति डाॅ.रामराजेश मिश्रा की दूरभाष पर हुई चर्चा मे रतलाम आने का कार्यक्रम बना। उसी अनुसार वे रतलाम पहंुचे। रतलाम दौरे पर आए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ रामराजेश मिश्रा उस दिन कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर जी.के.श्रीवास्तव से मिले। कुलपति श्री मिश्रा की यह मुलाकात चार-पांच दिन पूर्व कलेक्टर श्री श्रीवास्तव द्वारा दूरभाष पर कुलपति श्री मिश्रा से रतलाम में मेडिकल काॅलेज खोले जाने में सहयोग हेतु की गई चर्चा के बाद तय हुई थी। कुलपति-कलेक्टर की इस बैठक में मेडिकल काॅलेज खोलने हेतु सहयोग कर रहे जिला प्रशासन के अधिकारी एवं (अनिल झालानी सहित)कुछ गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। दिनांक 11 सितम्बर 2004 को कलेक्टर सभागृह में डॉ राम राजेश मिश्रा के साथ एक अच्छी बैठक हुई जिसमें उन्होंने बैठक में ही अपनी ओर से हर प्रकार की स्वीकृति प्रदान करी।
कुलपति मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट के लिये आगे आए
अपने स्वभाव के अनुसार डाॅ. रामराजेश मिश्रा भी इस कॉलेज को प्रारंभ करने में कलेक्टर की रुचि को देखते हुए आगे बढ़ने को त्वरित रूप से तत्पर हुए। दोनो मे अच्छी केमेस्ट्री बनी।
रतलाम शहर को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के लिए किए जा रहे प्रयासों से विक्रम विश्वविद्यालय भी अब सहमत हो गया । कलेक्टर और विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति के बीच आज हुई चर्चा में विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से मेडिकल काॅलेज खोलने में पूरा सहयोग किए जाने की बात कुलपति ने कही ।
मिश्रा जी ने कहा कि रतलामवासी चाहते है कि मेडिकल काॅलेज खोले जाने हेतु किए जा रहे प्रयासों में विक्रम विश्वविद्यालय सहयोग करें और खुलने वाला मेडिकल काॅलेज विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन के अधीन हो। कुलपति श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि रतलाम में मेडिकल काॅलेज खोले जाने के लिए किए जा रहे प्रयास काबिले तारीफ है, इसके लिए विक्रम विश्वविद्यालय भी अब अपनी और से पूरा सहयोग करेगा।
विश्वविद्यालय का दल आएगा।
कुलपति श्री मिश्रा ने बैठक में कहा कि मेडिकल काॅलेज खोलने के लिए की जाने वाली आवश्यक कार्यवाही को देखने तथा पूर्ण कराने के लिए शीघ्र ही विक्रम विश्वविद्यालय का एक दल रतलाम आएगा। यह दल अभी तक की गई कार्यवाही को देखेगा तथा कमी होने पर उसे दूर करेगा।
रोज-रोज की मेडिकल काॅलेज की कहानी अब तक जिलाधीश के गले की घंटी बन चुकी थी। जितना वे कर सकते थे करते गए। इसके आगे उनके पास कोई रास्ता नहीं था। अतः युनिवर्सिटी को आगे लाकर उन्होंने अपने गले की घंटी उनके गले में डाल दी।
लगभग ढाई घन्टे तक चली इस बैठक में मेडिकल काॅलेज खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया गया।
क्रमशः...........
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